27 अक्टूबर 2024, इंदौर: राजला में कोरोमंडल का फील्ड डे भंडार – देश की प्रसिद्ध कंपनी कोरोमंडल इंटरनेशनल ली गैट द्वारा झाबुआ जिले के ग्राम राजला (पारा) में किसान श्री मोहन सिंह के खेत में सोयाबीन फसल में पोषक तत्व प्रबंधन के तहत फील्ड डी का आयोजन किया गया, जिसमें कंपनी के एमडी श्री गोपाल पटेल शामिल थे किसान मौजूद थे।
एग्रोनोमिस्ट श्री आकाश पांडे, धामनोद ने बताया कि फील्ड डे के दौरान उपस्थित किसानों को आईटी विभाग और होटल ग्रोमोर एसजीएल की भर्ती और इस तरह के होने वाले वाले को शानदार ढंग से व्यवस्थित किया गया और सही समय पर सही मात्रा में खुराक देने की सलाह दी गई। टेक डीएपी और टेक ग्रोमोर के साक्षात्कार से किसान खुश है। फसल में, नामांकित की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ पाइपलाइन में भी अच्छी वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।
ग्रोमोर डी.पी. के बारे में – कोरोमंडल इंटरनेशनल द्वारा भारत में निर्मित ग्रो मोर टेक्नोलॉजीज डीएपी अनाज, दाल, तिलहन वाली फसल, फल और मोर्टार के अलावा केंद एवं जड़ वाली लकड़ी के चिप्स की उपज और गुणवत्ता में सुधार करता है। उपयोग करना और ले जाना आसान है यह उत्पाद के महत्वपूर्ण स्तरों में प्लांट की उपयोग क्षमता हासिल करता है, जिससे फसल का निर्माण होता है। इस विशेषज्ञ और तकनीशियनों में से सबसे सटीक तरीके से जांच करने की प्रक्रिया को तो ठीक करना ही है, साथ ही मिट्टी के स्वास्थ्य में भी सुधार करना है। इसमें जिप्सम के आधार पर पारंपरिक डीपीए आधा बैग से लेकर एक बैग तक बदलने की क्षमता है।
उपयोग की मात्रा – एक लीटर/एकड़ (प्रत्येक 500 मिली लीटर के दो टुकड़े) करना चाहिए। पहली सफल फसल की बुआई/रोपाई के 25 -30 दिन बाद करें। दूसरा खलनायक फूल खिलने से पहले तीसरे चरण में यानी फसल की बुआई/रोपाई के 45 -50 दिन बाद करना चाहिए।
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