रायपुर: छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित राष्ट्रीय जैविक स्ट्रैस प्रबंधन संस्थान ने 13वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भविष्य की कृषि कहानियाँ और समाधान पर अपने विचार साझा किये। मुख्य अतिथि, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. बेयर्न चंदेल ने कहा कि आज के समय में मलेशिया की गुणवत्ता और पोषण पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित जीवाश्म और प्रोटीन से समृद्ध धान की संभावनाओं का उल्लेख करते हुए कृषि में आर्टिफिशियल सोसायटी (स्टॉल) और डेटा संग्रह की बहुलता भूमिका पर भी बात की।
विशिष्ट अतिथि, कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग के पैलर डॉ. आर.आर.बी. सिंह ने संस्थान के अनुसंधानकर्ताओं की नियुक्ति करते हुए नए शोध दल पर सामूहिक काम करने का सुझाव दिया। भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के निदेशक, डॉ. रवि माथुर ने किसानों को धान की फसल के बाद तिलहन उत्पादन करने की सलाह दी और साझा अनुसंधान के लिए कुमार की आवश्यकता पर बल दिया।
संस्थान के निदेशक, डॉ. प्रोबीर घोष ने पिछले साल की सजावट के लिए लाइटें और किसानों के लिए चल रही मंडल की जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि संस्थान में स्नातक शिक्षा पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। इस संस्थान के कर्मचारियों और अधिकारियों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में तीन नए प्रकाशनों का विमोचन भी हुआ, साथ ही प्रगतिशील किसानों को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में 250 से अधिक किसानों और कृषि विशेषज्ञों ने भाग लिया, जहां किसान-वैज्ञानिक संवाद सत्र भी आयोजित किया गया।