नई दिल्ली: पंजाब में विपणन विपणन सीजन (KMS) 2024-25 के तहत धान खरीद की प्रक्रिया क्रमिक रूप से जारी है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पंजाब के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर धान खरीद से संबंधित सामग्री पर विस्तार से चर्चा की। धान की खरीद 1 अक्टूबर से 30 नवंबर 2024 तक शुरू होगी।
धान की नीलामी और भंडारगृह की तैयारी
पिछले वर्ष केएमएस 2023-24 में 124.14 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य पूरा हुआ था। इस वर्ष 2024-25 के लिए 185 लाख टन धान (124 लाख टन चावल के बराबर) की खरीद का अनुमान रखा गया है, जिस पर केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस बार किसी भी प्रकार की खरीद पर प्रतिबंध नहीं है।
राज्य में इस वर्ष 2200 से अधिक मंडियों में धान की खरीद जारी है। 13 अक्टूबर तक कुल 7 लाख टन धान की आवक से करीब 6 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है। कस्टम माइल्ड राइस (सीएमआर) के भंडारण के लिए सरकार ने दिसंबर 2024 तक 40 लाख टन की भंडार क्षमता तैयार करने की घोषणा की है। इसके तहत पुराने चावल और मिट्टी के स्टॉक को पहले खाली किया जा रहा है।
किसानों को लाइसेंस का सीधा और त्वरित भुगतान
केंद्र सरकार ने किसानों के लिए कई डिजिटल व्यवस्थाएं की हैं, जिनमें ऑफ़लाइन पंजीकरण, भूमि अभिलेखों का एकीकरण, और डिजिटल खरीद संचालन शामिल हैं। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में करना होगा। यह भुगतान आम तौर पर 48 घंटों के भीतर पूरा करने की व्यवस्था की जाती है, ताकि किसानों को किसी भी तरह की धोखाधड़ी का सामना न करना पड़े।
कमीशन दर और ओ रेलवे पर समीक्षा
मुलाकात के दौरान धान से चावल का आउट टर्न रेशियो (ओटीआर) और कमीशन की समीक्षा पर भी चर्चा की गई। सरकार ने संकेत दिया कि कमीशन शुल्क में संशोधन पर सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है और इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
खड़गपुर में धान के ओटीआर और सूखे पर अध्ययन चल रहा है। साथ ही, विंग्स पोर्टल (वेयरहाउस इन्वेंटरी नेटवर्क एवं ट्रैवलिंग सिस्टम) पर डेटा अपडेट किया गया है, जिससे अब सभी हितधारक आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
धान की खरीद से जुड़े परिवहन खर्च और मिल अलॉटमेंट द्वारा वहन जा रहे अतिरिक्त शुल्क पर भी चर्चा हुई। सरकार ने सहमति दी है कि यह सकारात्मक फैसला लिया जाएगा।