02 दिसंबर 2024, इंदौर: हर फ़सल के लिए मज़ेदार ग्रोमोर आईटी डी.पी. – देश की मशहूर कंपनी कोरोमंडल इंटरनेशनल लि. ग्रोमोर अथॉरिटी का प्रोडक्ट हर तरह की फसल के लिए बढ़िया है। उत्पाद में वृद्धि के साथ गुणवत्तायुक्त उपजी का बाजार में अच्छा दाम मिलने से किसानों की आय में वृद्धि होती है।
ग्रोमोर डी.पी. की विशेषताएं – यह रिज़र्व का अच्छा विकास तो करता ही है, दस्तावेज़ की संख्या भी पुनः प्राप्त की जाती है। जिससे किसानों को सभी प्रकार के बीज जैसे अनाज, दलहन, तिलहन, फल, सब्जी का भी अच्छा उपजी प्राप्त होता है। प्रमाणित में क्लोरोफिल की मात्रा में वृद्धि से फसल में हरापन बढ़ता है। दानों को वजन बढ़ाने वाली रचनाएँ हैं। इसी तरह के दलहनी बीज को भी ठोस बनाता है। फल और सब्जी वाली सब्जियों में जहां एक ओर फलों का आकार बढ़ता है, वहीं फल और सब्जी वाली सब्जियों की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों बेहतर होते हैं। कंद और जड़ोट वाली के कंद के आकार को भी बड़ा करता है, जिसका वजन बढ़ता है उससे अधिक उपज प्राप्त होती है। छोटे आकार का लैपटॉप डीएपी में काम बड़ा है। ग्रोमोर डीएपी को कहीं और भी लाना-ले जाना आसान है से यह किसानों की पसंद बन गया है।
ग्रोमोर डी.पी. के लाभ – मोरग्रो टेक्नोलॉजी डीएपी में सभी महत्वपूर्ण स्तरों पर आवेदन की आवश्यकताएं पूरी की जाती हैं। यह गारंटी में फास्टैग से जमा हो जाता है, इस कारण से शेयरधारकों को तुरंत मिल जाता है। यह प्रमाणित आंतरिक प्रणाली में विशेषज्ञों को भी शीघ्र आश्वासन कराता है। औद्योगिक उद्यमों की उपयोग क्षमता में भी सुधार किया जाता है, जिससे किसानों को गुणवत्तायुक्त बेहतर आर्थिक लाभ मिलता है। फसल का अधिक उत्पादन से किसानों की आय में वृद्धि हो रही है। ग्रोमोर डीप का एक अन्य लाभ यह होता है कि यह मिट्टी के स्वास्थ्य में भी सुधार करता है। इसके अलावा पारंपरिक डीएपी के आधा बैग से लेकर एक बैग तक बदलने की क्षमता है। ग्रोमोर डीएपी समुद्र और पर्यावरण दोनों के लिए उपयुक्त है।
ग्रोमोर डी.पी. की मात्रा – इसका एक लीटर/एक यूनिट (प्रत्येक 500 मिली लीटर के 2 टुकड़े) लगाया जाता है। पहली फसल की बुआई/रोपाई के 25 -30 दिन बाद करना चाहिए। दूसरा खलनायक फूल खिलने से पहले की अवस्था (45 -50 दिन बाद) में करें। ग्रोमोर डीएपी का चमत्कारी/कीटनाशकों के साथ प्रयोग किया जा सकता है।
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