नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए XV वित्त आयोग (XV-FC) की पहली किस्त जारी की है। राज्य के 22 जिला परियोजनाओं, 287 ब्लॉक परियोजनाओं और 9,068 ग्राम परियोजनाओं के लिए ₹507.117 करोड़ का एनटाइड अनुदान और ₹760.6769 करोड़ का टाइड अनुदान प्रदान किया गया है।
एनाटाइड और टाइड अनुदान से ग्रामीण स्वशासन को नया आयाम मिलता है
एनाटाइड अनुदान का उपयोग पंचायत स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार किया जा सकता है, जो संविधान की पंद्रहवीं अनुसूची के 29 विषयों के अनुसार आते हैं। इनमें कृषि, ग्रामीण आवास, शिक्षा और स्वच्छता आदि व्यवसाय शामिल हैं, लेकिन इनके वेतन उपयोग या स्थापना लागत की जानकारी नहीं दी जा सकती है। वहीं, टाइड ग्रांट्स का फोकस मुख्य सेवाएं जैसे स्वच्छता, खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) की स्थिति बनाए रखना और जल प्रबंधन पर होगा, जिसमें वर्षा जल संचयन, जल पुनर्चक्रण और घरेलू घरेलू उपचार शामिल हैं।
ग्राम स्वराज एवं समावेशी विकास की दिशा में स्लोवाक हो रही पंचायतें
भारतीय संविधान के एलोकेशन 243जी के तहत इन फंडों की जांच के लिए आवश्यक सेवाओं और एजूकेशन के प्रबंधन के लिए स्टिबोलिक शेयरों की जरूरत होती है। टाइड अनुदान से ग्रामों को स्थानीय स्वशासन को महात्मा गांधी के ‘ग्राम स्वराज’ के दृष्टिकोण के साथ पुनः स्थापित करना एक महत्वपूर्ण अवसर मिल रहा है। यह प्रक्रिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए नारे ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के सिद्धांत के साथ मेल खाती है, जो ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की वास्तविकता को उजागर करती है।
यह फंड स्थानीय शासन को मजबूत करने के साथ-साथ समग्र विकास और सतत ग्रामीण विकास में योगदान देता है, जिससे भारत की भागीदारी आधारित लोकतंत्र और गांव स्तर पर प्रगति की वृद्धि और मजबूत होती है।